33 साल में 57 ट्रांसफर, रिटायरमेंट से पांच महीने पहले मिली बड़ी जिम्मेदारी,परिवहन विभाग के लिए विज ने चुना अपने जैसा ईमानदार IAS अधिकारी
33 साल में 57 ट्रांसफर, रिटायरमेंट से पांच महीने पहले मिली बड़ी जिम्मेदारी,परिवहन विभाग के लिए विज ने चुना अपने जैसा ईमानदार IAS अधिकारी
33 साल में 57 ट्रांसफर नाम अशोक खेमका, रिटायरमेंट से पांच महीने पहले मिली बड़ी जिम्मेदारी,परिवहन विभाग के लिए विज ने चुना अपने जैसा ईमानदार IAS अधिकारी
1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका को उनकी ईमानदारी और साहसी फैसलों के लिए जाना जाता है। उनकी रिटायरमेंट में पांच महीने बचे हैं। इससे पहले उन्हें हरियाणा सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिली है।
33 वर्षों की सेवा और 57 तबादलों के बाद वरिष्ठ आईएस अधिकारी अशोक खेमका को उनके करियर के अंतिम चरण में महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। रिटायरमेंट से मात्र पांच महीने पहले खेमका को हरियाणा सरकार ने परिवहन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) बनाया है। 1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका को उनकी ईमानदारी और साहसी फैसलों के लिए जाना जाता है। इससे पहले वह प्रिंटिंग और स्टेशनरी विभाग में तैनात थे।
अशोक खेमका का यह 57वां तबादला है। तेज तर्रार आईएएस अफसरों में गिने जाने वाले खेमका पिछले कुछ सालों से साइडलाइन चल रहे थे। रविवार रात हुए आदेश के बाद उन्हें परिवहन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव लगाया गया है। वह पहले भी परिवहन विभाग में काम कर चुके हैं। उस दौरान उन्होंने सड़क सुरक्षा पर काफी काम किया था। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उन्होंने सड़क सुरक्षा संगठनों को काफी सक्रिय किया था। वह अनिल विज के साथ पहले भी काम कर चुके हैं। उनके विज के साथ अच्छे रिश्ते माने जाते हैं।
10 साल बाद परिवहन विभाग में वापसी
खेमका करीब 10 साल बाद परिवहन विभाग में लौटे हैं। इससे पहले 2014 में जब वह परिवहन आयुक्त के रूप में तैनात थे, तब उन्होंने बड़े वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था। उनके इस फैसले से ट्रक चालकों की हड़ताल हुई थी। खेमका ने तब कहा था कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने की कोशिश की, लेकिन निहित स्वार्थ ने हमेशा बाधा डाली।
रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील को रद्द कर आए थे चर्चा में
अशोक खेमका 2012 में राष्ट्रीय स्तर पर तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े गुरुग्राम जमीन सौदे के म्यूटेशन को रद्द कर दिया था। उस समय हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी। अशोक खेमका ने हरियाणा में हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए जमीन सौदे का म्यूटेशन रद्द करने के आदेश जारी किए थे पिछले साल खेमका ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सतर्कता विभाग में तैनात होने की पेशकश की थी। उन्होंने लिखा था कि मैं सेवा के अंत में भ्रष्टाचार के खिलाफ असली लड़ाई लड़ने का वादा करता हूं। कोई भी व्यक्ति, चाहे कितना भी प्रभावशाली हो, बख्शा नहीं जाएगा।
अपने पूरे करियर में खेमका का औसतन हर छह महीने में तबादला हुआ है। उन्होंने कई बार लो-प्रोफाइल विभागों में काम किया, लेकिन ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया। अब, उनके करियर के अंतिम महीनों में उनकी परिवहन विभाग में वापसी से सरकार में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं।